उत्तराखंड: प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चोपता में विदेशी पर्यटकों से मारपीट
होमस्टे बिल को लेकर विवाद; पुलिस जांच जारी
रुद्रप्रयाग/चमोली। उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चोपता में विदेशी पर्यटकों के साथ मारपीट और बदसलूकी का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। होटल बिल के भुगतान को लेकर हुए विवाद में होमस्टे मालिक और ट्रैवल एजेंट/गाइड के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि विदेशी महिलाओं को मामूली चोटें आईं और पर्यटकों के वाहन के शीशे भी तोड़ दिए गए।
यह घटना मंगलवार (22 अक्टूबर) को रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ क्षेत्रांतर्गत चोपता में स्थित ‘बंकर हाउस होमस्टे’ में हुई। मेक माय ट्रिप (Make My Trip) के माध्यम से ट्रैवल एजेंट अरविंद दास (झारखंड निवासी) ने स्लोवाक रिपब्लिक, माल्टा और इटली के 12 विदेशी नागरिकों और 3 भारतीयों (कुल 15 लोग) के लिए 17 अक्टूबर से बुकिंग कराई थी।
पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, मंगलवार को जब पर्यटक वापसी की तैयारी कर रहे थे, तब होमस्टे मालिक राकेश तनेजा ने 17 अक्तूबर से ठहरने और भोजन के लिए ₹10,000 के बिल की मांग की। इसी बात पर गाइड संदीप कुमार और ट्रैवल एजेंट अरविंद दास के साथ विवाद शुरू हो गया।
मारपीट और नुकसान:
आरोप है कि विवाद बढ़ने पर होमस्टे मालिक और उसके सहयोगियों ने गाइड से मारपीट की। साथ ही, उन्होंने पर्यटकों के वाहन के शीशे तोड़ दिए, जिससे कुछ विदेशी महिलाओं को हल्की खरोंचें आईं। ट्रैवल एजेंट ने होमस्टे मालिक पर उनके पैसे और कीमती सामान छीनने का भी आरोप लगाया है।
पुलिस तक पहुंचा मामला:
घटना के तुरंत बाद, ट्रैवल एजेंट संदीप कुमार विदेशी पर्यटकों के साथ चमोली जिले की गोपेश्वर स्थित मंडल चौकी पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी। चौकी प्रभारी विपिन त्यागी ने मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया। चूंकि घटना स्थल रुद्रप्रयाग जिले की सीमा में आता है, इसलिए चमोली पुलिस की मौजूदगी में पर्यटकों को रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ थाने लाया जा रहा है।
चौकी इंचार्ज चोपता, सतीश शाह ने बताया कि मंडल पुलिस से सूचना मिलते ही चोपता पुलिस मौके के लिए रवाना हो गई है। पुलिस दोनों पक्षों (होमस्टे मालिक और ट्रैवल एजेंट/गाइड) से पूछताछ कर रही है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
यह घटना उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग की छवि के लिए एक बड़ा झटका है, और प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।
अतिथि देवो भव की परंपरा पर आघात !
‘अतिथि देवो भव’ की गौरवशाली परंपरा और देवभूमि उत्तराखंड की पहचान को इस घटना से गहरा आघात लगा है। जिस देश में मेहमान को ईश्वर का रूप मानकर सत्कार किया जाता है, वहाँ एक छोटे से बिल विवाद के कारण विदेशी पर्यटकों से मारपीट की घटना होना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और पर्यटन उद्योग के नैतिक मूल्यों के लिए भी एक शर्मनाक अध्याय है।
उत्तराखंड, जिसे ‘देवभूमि’ कहा जाता है, उसकी पवित्र छवि ऐसे कृत्यों से धूमिल होती है। यह घटना दर्शाती है कि हमें केवल स्लोगन तक सीमित न रहकर, वास्तव में मेहमानों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव न डालें।